(mahila samasya sahara) नोट:- यह लीना मेहेंदले के व्यक्तिगत विचार और सुझाव हैं।
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राष्ट्रीय सहारा
१८/४/२००१ के लिये
प्रश्न १:- शादीके नौ वर्ष हो गये। दहेजके लियेे पतिने तंग करना आरंभ किया तो मैं मैके आ गई। साथमें दो बच्चियाँ भी हैं । पति कोई पैसे नही देता। मुझे क्या करना चाहिये?
शादी के सात वर्ष बाद पति आपसे दहेज माँगना शुरु करे यह बात कुछ समझ में नही आती। आप शारिरिक यातनाओंके विरुध्द भी रपट दर्ज करा सकती हैं और दहेज माँगने के बाबत भी। गुजारा भत्तेके लिये भी आप भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १२५ के अंतर्गत पुलिस व कोर्ट में जा सकती हैं। या फिर राष्ट्रीय महिला आयोग में विस्तार से अपनी शिकायत भेज सकती हैं। गुजारा भत्ता केवल आपको ही नही, लडकियों को भी मिलेगा।
प्रश्न २:- मैं तेइस वर्षकी हूँ। जिस लडकेसे प्यार करती हूँ वह माँ-पिताको पसंंद नही है, वे शादीके लिये राजी नही। हमारे शारिरिक संबंध बन गये और अब मैं पेटसे हूँ। क्या मैं माता-पिताकी इच्छा विरुद्ध शादी कर सकती हूँ?
आप बालिग हैं। यदि लडका आपसे शादी करने के लिये तैयार है तो आपको रजिस्टर्ड मॅरिज कर लेना चाहिये, वरना गर्भ की बात कितने दिन छुपी रहेगी? फिर इस दौरान जो मानसिक तनाव होगा उसका गर्भ पर बुरा असर पड सकता है। आपको तुरंत रजिस्टर्ड मॅरिज कर लेना चाहिये।
प्रश्न ३:- हमारी शादी के चार साल हो चुके और हम सास-ससुरसे अलग घरमें रहना चाहतेे हैं, परन्तु ससुरने धमकी दी है कि वे हमें संपत्तिसे बेदखल कर देंगे। संपत्तिमें अपना हक पाने के लिये मेरे पति को क्या करना चाहिये ?
आपके ससुर की अपनी मेहनतसे कमाई संपत्ति में आपके पति का कोई हक नही बनता है। पैतृक संपत्ति में अवशय ही आपके पति हक माँग सकते हैं और न मिलता हो तो सिविल कोर्ट में केस कर सकते हैं। दूसरी ओर आप यह भी सोच सकती हैं कि यदि पति की कमाई ठीक ठाक है और आप दोनो आपस में खुश हैं तो असल कमाई तो आपने पा ही ली। आगे की सलाह इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके पति के अन्य भाई-बहन कितने हैं और आपका उनसे व्यवहार कैसा है। लेकिन मैं अपने व्यक्तिगत उदाहरणसे जानती हूँ कि छोटेमोटे झगडे हों तो उन्हें टालकर एकत्र रहनेमें सबका फायदा होता है। सरसे पानी गुजर जाय तो ही अलग होना चाहिये।
प्रश्न ४:- मेरी आयु 12 वर्ष की है और घरमें सौतेली माँ, सौतेले भाई-बहन हैं जिस कारण पिा मेरी पिटाई और शारिरिक शोषण करे हैं। मैं किससे मदद माँगू ?
तुम्हारा शारिरिक शोषण क्या होता है, यह तुम्हें खुलासेवार बताना होगा। बच्चों को मारपीट करना कानून की आँखों में गंभीर अपराध है और तुम पुलिस में या महिला आयोग या अपने राज्यके मानवधिकार आयोग में जा सकती हो। लेकिन उससे पहले क्या तुम्हारे ऐसे कोई रिश्तेदार नही बचे, जो तुम्हारे पिता को समझा
सकें, मसलन दादा-दादी, चाचा, बुआ, नानी, मामा, मौसी इत्यादि? तुम अपने स्कूल के प्रिंसिपल से भी बिनती कर सकती हो कि वे पिता को बुलाकर समझायें। क्या तुम्हारे सौतेले भाई बहन हैं? यदि हाँ तो तुम बडप्पन के नाते उनसे कैसा व्यवहार करती हो यह भी तुम्हें देखना पडेगा।
प्रश्न ५:- मेरी उम्र 73 वर्षकी है, पहली पत्नी व दूसरी पत्नी का देहान्त हुआ है। मेरी कमाई का कोई जरिया नही। परन्तु मेरा सौतेला बेटा जो सरकारमें ऊँचे ओहदेपर है, वह मुझे कोई मदद नही देता। क्या मैं महिला आयोगसे शिकायत कर सकता हूँ ?
अभी के कानून के मुताबिक सौतेले बेटेसे गुजारा भत्ता नही माँगा जा सकता।
प्रश्न ६:- मैं एक मुसलमान लडकी हूँ। मेरे पतिने दूसरी शादी करके मुझे व बच्ची को मायके भेज दिया है और कोई गुजारा नही देता। कोर्ट में उसने केस दे दी है कि वह मेहर की रकम तथा तीन महिने के गुजारे की रकम मुझे देने की पेशकश कर चुका है, लेकिन मैंने मना कर दिया था इसलिये उसे तलाकशुदा घोषित किया जाय। क्या मुझे कोई हक नही?
नसरीन (बदला हुआ नाम), फरीदाबाद
मुसलमान धर्मग्रंथों के मुताबिक भी पति दूसरी शादी तभी कर सकता है, जब वह दोनों बीवियोंसे समान रूप से व्यवहार करे और दोनों का समान रूप से खयाल रखे। तलाक चाहने पर गुजारा भी केवल ३ महीने का नही बल्कि पूरी उमर का देना पडेगा, जैसा कि हाल में मुंबई हायकोर्ट ने फैसला दिया है। इसके अलावा आप भारतीय दंड- प्रक्रिया संहिता की धारा १२५ में भी कोर्ट से गुजारा भत्ते की माँग कर सकती हैं।
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