बुधवार, 14 जुलाई 2010

बलसागर भारत -- साने गुरुजी, हिन्दी अनुवाद -- लीना मेहेंदले

बलसागर भारत
-- साने गुरुजी
हिन्दी अनुवाद -- लीना मेहेंदले
[Can be sung with the same tune as original Marathi]
published in Devputra monthly from Indore
बलसागर होवे भारत
विश्र्व में रहे अपराजित।

ये कंकण बाँधा कर में
जीवन हो जनसेवा में
हों प्राण राष्ट्र के हित में
मैं मरने को भी उद्यत
बलसागर होवे भारत।

वैभव दिलवाऊँ इसको
सर्वस्व सौंप दूँ इसको
तिमिर घोर संहारन को
तुम बंधु, बनो सहायक
बलसागर होवे भारत।

हाथों में हाथ मिलाकर
हृदयों से हृदय जुडाकर
एकता मंत्र अपनाकर
हो जाएं कार्यों में रत
बलसागर होवे भारत।

कर ऊँची दिव्य पताका
गूँजाओ गीत भारत का
विश्र्व में पराक्रम इसका
दिग्‌ दिगन्त गूँजे स्वागत
बलसागर होवे भारत।

अब उठो श्रम करो सार्थ
दिखलाना है पुरुषार्थ
यह जीवन ना हो व्यर्थ
चमकाओ भाग्य का सूरज
बलसागर होवे भारत।

भारत माँ फिर सँवरेगी
प्रभुता भी दिव्य पाएगी
विश्र्व में शांति लाएगी
वह स्वर्णिम दिन है निश्चित
बलसागर होवे भारत।
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बलसागर भारत होवो, विश्वात शोभुनी राहो

हे कंकण करि बांधियले, जनसेवे जीवन दिधले
राष्ट्रार्थ प्राण हे उरले, मी सिद्ध मरायाला हो

वैभवी देश चढवीन, सर्वस्व त्यास अर्पीन
तिमीर घोर संहारीन, या बंधु सहाय्याला हो

हातांत हात घेऊन, हृदयास हृदय जोडून
ऐक्याचा मंत्र जपून, या कार्य करायाला हो

करि दिव्य पताका घेऊ, प्रिय भारतगीते गाऊ
विश्वास पराक्रम दावू, ही माय निजपदा लाहो

या उठा करू हो शर्थ, संपादु दिव्य पुरुषार्थ
हे जीवन ना तरि व्यर्थ, भाग्यसूर्य तळपत राहो

ही माय थोर होईल, वैभवे दिव्य शोभेल
जगतास शांति देईल, तो सोन्याचा दिन येवो

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